LOTO एक सुरक्षा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग हम अपनी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री या उद्योगों के अंदर करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरम्मत या मेंटेनेंस के वक्त खतरनाक ऊर्जा स्रोतों को कोई दोबारा से शुरू न कर दे.
यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि मरम्मत खत्म होने से पहले कोई भी व्यक्ति जानबूझकर या गलती से ऊर्जा स्रोतों को दोबारा से शुरू न कर दे और मशीन पर काम कर रहे व्यक्ति को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचे.
LOTO की फुल फॉर्म क्या है?
- Lockout (लॉकआउट): ताला लगाना
- Tagout (टैगआउट): टैग लगाना
खतरनाक ऊर्जा स्रोत क्या हैं? (Hazardous Energy Sources)
सिर्फ एनर्जी का मतलब बिजली नहीं है. एनर्जी के कई सारे स्त्रोत हो सकते हैं, जिन्हें पहचानना जरूरी है:
- इलेक्ट्रिकल (Electrical): बिजली का करेंट लगना.
- पानी: पाइपलाइन के पानी का दबाव.
- केमिकल/कूलेंट (Chemical/Coolant): मशीन में इस्तेमाल होने वाले केमिकल.
- भाप (Steam): पाइपलाइन के अंदर की गर्म भाप.
- न्यूमेटिक (Pneumatic): कम्प्रेस्ड हवा का दबाव.
- हाइड्रोलिक (Hydraulic): हाइड्रोलिक पावर पैक से चलने वाले पुर्जे.
- मैकेनिकल (Mechanical): मशीन के घूमने वाले या चलते हुए पुर्जे.
- प्राकृतिक गैस (Natural Gases): LPG, PNG जैसी ज्वलनशील गैसें.

सभी लोटो सिस्टम के अंगों और चरणों के बारे में और ज्यादा जानने के लिए नीचे पढ़ें –
1. LOTO के मुख्य अंग
लोटो सिस्टम के अंदर बेसिकली तीन चीजें होती हैं:
- ताला (Lock): लॉक हम ऊर्जा के कंट्रोल करने वाली चीजों पर लगाते हैं, जैसे कि MCB या कंट्रोल वॉल्व. एक लॉक की एक ही चाबी होनी चाहिए ताकि कोई दूसरा व्यक्ति उसको गलती से या जानबूझ के खोल न सके. लॉक कई प्रकार के हो सकते हैं जो MCB या वॉल्व के डिज़ाइन के अनुसार चुने जाते हैं.
- टैग (Tag): जब हम सिस्टम पर लॉक लगा देते हैं, फिर वहाँ पर हम एक टैग लगाते हैं. इस पर यह लिखा होता है कि टैग किसने लगाया है, किस कारण से लगाया है और यह कितने बजे तक लगा रहेगा.
- लोटो स्टेशन (LOTO Station): यह एक सेंट्रलाइज्ड जगह होती है जहाँ सारे लॉक, उनकी चाभियाँ और टैग्स रखे होते हैं.

2. LOTO लगाने का अधिकार किसे है?
इंडस्ट्री के अंदर दो प्रकार के एम्पलॉईस हैं, एक हैं ऑथोराइज्ड एम्पलॉईस और एक हैं अफेक्टेड एम्पलॉईस.
- ऑथोराइज्ड एम्पलॉईस (Authorized Employees): वह एम्पलॉईस हैं जिनको अथॉरिटी है कि वे कहीं पर भी लोटो सिस्टम को अप्लाई कर सकते हैं. सिर्फ वही ताला और टैग लगा सकते हैं.
- अफेक्टेड एम्पलॉईस (Affected Employees): वह एम्पलॉईस जो लोटो सिस्टम लगने से प्रभावित होंगे. ऑथोराइज्ड के अलावा जो भी व्यक्ति (सुपरवाइजर, मैनेजर, वर्कर, ऑपरेटर) कंपनी के अंदर बचे, वो सारे अफेक्टेड एम्पलॉईस हैं.
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3. LOTO लागू करने के 6 चरण

1. तैयारी / Preparation
“इस चरण में हम जिस एरिया या जिस मशीन के अंदर लोटो अप्लाई करने वाले हैं, उसके रिलेटेड जो भी एनर्जी सोर्सेज हैं, उनकी हमें जानकारी प्राप्त करनी है.”
इसमें यह पता लगाया जाता है कि मशीन में कौन से इलेक्ट्रिकल, हाइड्रोलिक, या न्यूमेटिक ऊर्जा स्रोत हैं.
2. शटडाउन / Shutdown
“शटडाउन के अंदर हमें उस मशीन को बंद कर देना है विथ प्रॉपर प्लानिंग, और उस एरिया के सुपरवाइजर की जानकारी में यह होना चाहिए.”
इसमें जाकर जो भी वॉल्व है उसे बंद कर दिया जाता है या अगर कोई इलेक्ट्रिकल एनर्जी है तो MCB को डाउन कर दिया जाता है.
3. आइसोलेशन / Isolation
“आइसोलेशन के अंदर हमें उस मशीन को जहाँ से मेन सप्लाई मिल रही है, वहाँ जा के उसे आइसोलेट कर देना है.”
शटडाउन में हम मशीन को बंद करते हैं, जबकि आइसोलेशन में हम मशीन को ऊर्जा के मुख्य स्रोत से ही काट देते हैं.
4. लॉकआउट-टैगआउट / Lockout-Tagout
“अब जो ये डिवाइसेस हैं जहाँ से उसे एनर्जी मिल रही थी, वहाँ पे जा के हमने लॉक लगाना है और साथ ही साथ उसके ऊपर एक टैग टांग देना है.”
जो ऑथोराइज्ड पर्सन मशीन पे काम करने जाएगा, सिर्फ उसी को अपनी जेब में वो चाबी रखनी है.
5. संग्रहित ऊर्जा की जांच / Stored Energy Check
“हमें यह चेक करना है कि कोई स्टोर एनर्जी तो नहीं रह गयी सिस्टम के अंदर, जैसे कैपेसिटर्स में या पाइपलाइन में.”
यदि कोई स्टोर एनर्जी है, तो हम वाल्व खोल के उसको रिलीज कर देंगे ताकि वह खत्म हो जाये.
6. आइसोलेशन का सत्यापन / Isolation Verification
“हम आइसोलेशन वेरिफिकेशन करेंगे. ऑथोराइज्ड पर्सन यह देखेगा कि सब कुछ स्टेप करने के बाद भी कहीं से एनर्जी आ तो नहीं रही है.”
इसमें मशीन को चालू करके यह पुष्टि की जाती है कि मशीन पूरी तरह से बंद है और काम करने के लिए सुरक्षित है.