APQP Kya hai In Hindi | APQP क्या है हिन्दी में?

Advanced Product Quality Planning (APQP) kya hai in Hindi

APQP Process or Techniques का एक Framework होता है, जो की हमे एक दिशा प्रदान करता है, कि हम नए प्रोडक्ट के Development में किस प्रकार से काम कर सकते है।

यह एक Systematic तरीका होता है किसी भी प्रोडक्ट को बनाने के लिए यह सुनिश्चित करता है की हमने कस्टमर के सारे Requirement को अच्छी तरीके से समझ लिया है, और उसके अनुसार हम प्रोडक्ट को बनाएंगे।

Advanced Product Quality Planning हमे एक Structure प्रदान करता है, कि जब हम कोई नया प्रोडक्ट बनाए तब उसके लिए कैसे प्लानिंग करे, कैसे उसकी Problems को Define करे, कैसे Activity को कंप्लीट करे ताकि Customer की आशा के अनुसार ही प्रोडक्ट को बना सके।

Quality Management Tool के 5 कोर टूल है,यह इनमे से एक है।

History

  • Advanced Product Quality को 1980 में Big Three ( US Automatic Industry Ford, GM, and Chrysler) के द्वारा बनाया गया था । 
  • 1980 में ही Ford Motor के द्वारा APQP की सबसे पहले Book Publish की गई थी। 
  • अभी हम इसका 2nd Edition का उपयोग करे है, जो कि सन् 2008 में Publish किया गया था।

Purpose of APQP

Automotive industry Action Group (AIAG) के अनुसार जब हम किसी भी नए पार्ट को Develop करते है, तो APQP हमे Support करता है यह हमे बताता है की उसका Quality Plan कैसे बनाए, Customer की Demand के हिसाब से प्रोडक्ट कैसे बनाए, ओर उनकी सारी जरूरतों को पूरा करके उन्हें कैसा संतुष्ट किया जाए।

APQP की क्या जरूरत है?

  • सुधार के नए तरीके खोजने के लिए।
  • डॉक्यूमेंट की चेकिंग और प्लानिंग करने के लिए।
  • क्वालिटी में सुधार के लिए।
  • प्रॉब्लम ना हो इसलिए पहले से सुधार करने के लिए।
  • Continual Improvement के लिए।
  • Cycle टाइम को कम करने के लिए।
  • Supplier or Customer के साथ Better Communication के लिए।
  • Do it right first time बिना गलती के पहली बार में ही सही करे इस लिए।
  • Future मैं होने वाले डिफेक्ट को कम करने के लिए।

Problems at the time of planning

  • Management में किसी प्रकार की कोई कमी होने पर।
  • Discipline पर ध्यान ना होने पर।
  • Priority को ठीक ढंग से ना समझने पर।
  • किसी को भी ठीक ढंग से Responsibility नहीं देने पर।
  • टीम को ठीक ढंग से Lead नहीं करने पर सही Direction ना देने पर।
  • Employee की काम करने की इच्छा ही ना हो।
  • Management में एक दूसरे से Personal ego के कारण।
  • Knowledge की कमी के कारण।
  • Resources की कमी के कारण।
  • Non competitive Environment होने के कारण।

Steps of APQP

1. Organise the team :- हमें एक cross-functional टीम बनानी पड़ती है, जिसमें अलग-अलग डिपार्टमेंट के लोगों को शामिल किया जाता है, जैसे कि – Engineering, Manufacturing, Sales, Service, Materials, Suppliers और Customer को भी शामिल कर लेते है।

2. Define the Scope Planning :- मैं पहले ही सारी चीजों को निर्धारित कर देना चाहिए जैसे कि, टीम को कौन Lead करेगा,किसकी क्या Responsibility होगी, हमारा क्या Goal होगा और हम क्या कर रहे हैं।

3. Team to Team :- एक अच्छा कम्युनिकेशन सिस्टम बनाएं ताकि एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट और कस्टमर के बीच कम्युनिकेशन में कोई परेशानी ना हो ओर जरूरी जानकारी का आदान प्रदान किया जा सके।

4. Trainings:- यदि किसी भी व्यक्ति को किसी भी Level पर ट्रेनिंग की आवश्यकता है, तो उसे वह प्रदान करें।

5. Customer and Suppliers Involvement:- कस्टमर ओर सप्लायर का भी Involvement रखना चाहिए ताकि उनके द्वारा चाही गई आवश्यकता को भी पूरा किया जा सके।

6. Simultaneously Engineering :- टाइम को बचाने के लिए एक Phase के End होने से पहले ही दूसरा Phase स्टार्ट कर देना चाहिए।

7. Control plans :- Prototype Pre launch and Production पहले ही त्यार रखे।

8. Concern resolution :- किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट में कोई परेशानी है, तो उसे पहले ही solve कर लेना चाहिए।

9. Product Quality Timing Plan :- किस Activity को कब करना है, उसके टाइम की Planing कर लेना चाहिए।

10. Plans active to timing chart :- किस टाइम पर क्या करना है, इसका Plan भी पहले से हमें त्यार रखना चाहिए।


5 APQP Phases

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Advanced Product Quality Planning (APQP)

APQP Process में 5 APQP Phases होते है, जो की एक के ख़तम होने से पहले ही दूसरा स्टार्ट हो जाता है, उपर दिए गए डायग्राम को देखिये और समझे की कब किस टाइम पर APQP Process में Phase चेंज होता है और कब APQP Documents को Ready किया जाता है।

1. Plan And Define Program :- इसमें हम जो भी नया प्रोडक्ट बनाने वाले है, उसके बारे में पहले पूरा Planing करते है अलग अलग डिपार्टमेंट के लोगो को बुलाकर एक टीम बनाई जाती है, ओर Discussion किया जाता है हर एक छोटी बड़ी चीजों पर की क्या करना है ओर कैसे करना है इसका Plan त्यार करते है।

  1. Design Goals
  2. Reliability and Quality Goals
  3. Preliminary bill of Material
  4. Process flow
  5. Preliminary list of special characteristics
  6. Product Assurance plan
  7. Brainstorming Accomplished was CFT

2. Product Design and Development :- इसमें हम प्रोडक्ट के Design का Analysis करते है कि वह कैसा है, उसे पूरा चेक करते है। उसका DFMEA करते है कि उसमें किस किस प्रकार के failure आ सकते है, उसका Material क्या होगा आदि।

  • Design Failure Mode and Effect Analysis
  • Design for Manufacturing and Assembly
  • Design Verification
  • Design Review
  • Prototype Control Plan
  • Engineering Drawings
  • Engineering Specifications
  • Change Control for Drawings
  • New Equipment Tooling and Facilities Requirements
  • Special Special Product And Process Characteristics.
  • Gauge Gauge Testing Equipment Requirements

3. Process Design and Development :- इसमें हम प्रोसेस के बारे में बात करते है कि वह कोन सी प्रोसेस से बनाया जाएगा उस प्रोसेस के क्या क्या Steps होंगे, प्रोसेस का PFMEA करते है।

  • Quality system review
  • Process flow chart
  • Floor plan layout
  • Characteristic matrix
  • Process failure mode and effect analysis
  • Pre launch control plan
  • Process instructions. Measurement system analysis plan
  • Preliminary process capacity plan
  • Packing standards and specification

4. Product and Process Validation :- प्रोडक्ट को Design करने के बाद ओर प्रोसेस को भी चेक करने के बाद हम प्रोडक्ट की Manufacturing स्टार्ट करवाते है ओर फिर देखते है कि क्या कही पर कुछ कमी टो नहीं है उसे Validat करते है।

  • Significant Production Run
  • Measurement System Analysis
  • Process Capacity studies
  • Production Part Approval Process
  • Production validation
  • Packing Evaluation
  • Product control plan

5. Feedback Assessment and Corrective Action :- यदि सब कुछ ठीक होता है तो प्रोडक्ट को Launch कर देते है, उसके बाद उसका शुरुआती प्रोडक्शन स्टार्ट करते है। ओर इसके बाद देखते है की आगे प्रोसेस ओर प्रोडक्ट में क्या variation आ रहे है कितनी मात्रा में आ रहे है, ओर उन पर क्या Action लेना है।

  • Reduce Variation
  • Improve Customer Satisfaction
  • Improve Delivery Performance
  • Effective Use of lesson learned

Benefits of APQP

  • पूरे चेन में एक Common Approach चलती है।
  • कस्टमर और सप्लायर के बीच कम्युनिकेशन अच्छा होता है।
  • जो चीजें जरूरी नहीं होती है, उन्हें हम पहले ही हटा देते हैं।
  • प्रोडक्ट की क्वालिटी बढ़ती है और प्रोडक्ट की लाइफ भी बढ़ती है।
  • इससे इससे कस्टमर को ज्यादा Satisfaction मिलता है।

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