What is Chipping | Chipping क्या है ?

What is Chipping | Chipping क्या है ?

Chipping धातु की ऊपरी सतह से छेनी के द्वारा धातु की पतली परत (Chip) को काटकर अलग करने की प्रक्रिया को Chipping कहते हैं। चिपिंग करने के लिए आवश्यक दाब हथौड़े की चोट से मिलता है।

Chipping के लिए छेनी को धातु की सतह से लगभग 40 ° के कोण पर झुकाकर रखा जाता है, जिससे छेनी की कटिंग एज को लगभग 10 ° का क्लीयरेन्स मिल जाता है, तथा चिप्स को 20 ° का रेक एंगिल (Rake Angle) मिल जाता है, इससे कटिंग आसानी से होती है।

यदि छेनी को अधिक झुकाने से क्लीयरेन्स एंगिल बहुत कम या शून्य हो जाता है, तो छेनी की कटिंग एज धातु में घुसकर (Plenetrate) कटाई नहीं कर पाएगी परन्तु क्लीयरेन्स कोण अधिक होने पर वह धातु में गड़ जाएगी। चित्र में चिपिंग प्रोसेस को दर्शाया गया है, कठोर धातु के लिए कटिंग एज का कोण अधिक तथा नरम धातु के लिए कम रखा जाता है ।

Chipping Process | प्रक्रिया

Chipping प्रक्रिया के लिए निम्न पदों को अपनाना चाहिए :-

  • यदि जॉब छोटा है तथा उसे वाइस में बाँधकर Chipping करनी है, तो जॉब के नीचे के खाली स्थान को लकड़ी के गुटके से भर लेना चाहिए।
  • जिस सिरे से चिपिंग शुरू करनी हो उसे पहले चैम्फर (Chamfer) कर लेते हैं, इससे चिपिंग आसानी से शुरू होती हैं ।
  • वाइस के सामने चिपिंग की दिशा के विरुद्ध चिपिंग गार्ड का प्रयोग करना चाहिए ।
  • बाएँ हाथ से छेनी को पकड़कर दाएँ हाथ से हथौड़ा हल्के प्रेशर से मारना चाहिए ।
  • धार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उसे बार – बार तेल लगाते रहना चाहिए ।
  • चिपिंग जब दूसरे सिरे तक पहुँच जाए तो बहुत हल्की चोट लगानी चाहिए, दूसरे सिरे की अधिक धातु उखड़ने का खतरा रहता है ।

Precautions while in Use | प्रयोग में सावधानियाँ

Chipping करते समय दुर्घटना से बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-

  • कार्यखण्ड की धातु के अनुसार छेनी का कटिंग एंगिल होना चाहिए।
  • कटिंग एज उन्नत (Convex) होना चाहिए । इससे छेनी का लाइफ – टाइम ( life – time ) बढ़ जाता है तथा काटने में आसानी रहती है।
  • कार्य करते रहने से यदि छेनी के हैड (Head) की धातु फैल गई है, तो उसे ग्राइण्ड कर देना चाहिए, धातु के टूटकर चोट लगने का भय रहता है।
  • हथौड़े के फेस या छेनी के हैड पर कोई चिकनाई नहीं लगी होनी चाहिए ।
  • Chipping के समय गार्ड का प्रयोग करना न भूलें ।
  • Chipping करते समय दृष्टि छेनी की धार पर रहनी चाहिए , उसके हैड पर नहीं ।
  • कभी भी धार रहित छेनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
  • Chipping चलित जबड़े से स्थिर जबड़े की ओर करनी चाहिए ।

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