जब हम कंपनी में बन रहे प्रोडक्ट को दिए गए क्वालिटी स्टैंडर्ड के हिसाब से कंट्रोल करते हैं, या उसे चेक करते हैं, कि वह दिए गए स्टैंडर्ड के अनुसार बन रहा है या नहीं तो इसे हम Inspection कहते हैं। आज हम Type of Inspection के बारे मे जानेंगे।
Inspection Meaning in Hindi
Inspection का हिन्दी मे अर्थ होता है – निरीक्षण करना
Objective of inspection – हम इंस्पेक्शन क्यों करते हैं
- Inspection के द्वारा हम अच्छे Workpiece से डिफेक्टिव पीस को अलग करते हैं।
- इंस्पेक्शन करने से Raw Material में यदि कोई गड़बड़ी होगी तो हमें पहले ही पता चल जाएगा और उस मटेरियल का उपयोग हम नहीं करेंगे।
- Defective Workpiece कस्टमर तक नहीं पहुंच पाता है, Inspection के द्वारा हम उसे पहले ही अलग कर लेते हैं।
- इंस्पेक्शन करके डिफेक्टिव वर्कपीस को पहले ही अलग किया जा सकता है, जिससे Workpiece को आगे होने वाले Operation तक जाने से रोक सकते हैं, जिससे डिफेक्टिव पीस पर काम ना करके हमारे समय की बचत होती है।
- इंस्पेक्शन करने से प्रोडक्ट की क्वालिटी अच्छी बनी रहती है, कस्टमर के पास तक कोई भी डिफेक्टिव Workpiece नहीं पहुंच पाता है, कंपनी की Reputation बरकरार रहती है।
Functions of inspection – हम कब इंस्पेक्शन कर सकते हैं ?
- Inspection of Incoming Material :- जब हमें कहीं सही कोई मटेरियल प्राप्त हो रहा है और उससे जांचने के लिए कि वह ठीक क्वालिटी का है या नहीं या जैसे हमें जरूरत है पैसा है या नहीं इसके लिए हम इंस्पेक्शन कर सकते हैं।
- Inspection During Manufacturing :- जब हमारा प्रोडक्ट बन रहा होता है, तब हम अलग-अलग प्रोसेस में अलग-अलग इंस्पेक्शन करते हैं ताकि जिस प्रकार से प्रोडक्ट को बनना चाहिए वह उसी प्रकार से और उसी क्वालिटी में बने ताकि हमारा प्रोडक्ट कस्टमर तक बहुत ही अच्छी क्वालिटी में पहुंचे और हमारा रिजेक्शन नहीं आए।
- Mechanical and Metallurgical Inspection :- किसी प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग को स्टार्ट करने से पहले Raw मटेरियल का टेस्ट किया जाता है जिसमें उसकी Physical Property, Mechanical Property, Chemical property को Inspect किया जाता है। यदि Raw मैटेरियल दिए गए स्टैंडर्ड के हिसाब से सही होता है, तो उसे मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में शामिल किया जाता है।
- Tool Inspection :- मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में कई प्रकार के अलग अलग Tool का उपयोग किया जाता है, उनका उपयोग करने से पहले का Tool का inspection कर लेना चाहिए कि वह प्रोसेस में उपयोग करने के लिए सही है।
- Finished Goods Inspection :- जब हमारा प्रोडक्ट बनकर तैयार हो जाता है और वह कस्टमर के पास तक जाने के लिए तैयार होता है उसके पहले हम उसका final inspection करते हैं, ताकि कस्टमर के पास कोई भी Defective Product ना पहुंचे।
Type of Inspection – Inspection के प्रकार
अभी हमने यह जान लिया है की – Inspection kya hai, ओर Inspection क्यों करते है, अब हम Type of Inspection के बारे जानेंगे।
Remedial Inspection – इस प्रकार का इंस्पेक्शन हम जब करते हैं, जब पहले कभी Product में कोई फॉल्ट आया था और उसे ठीक करने के लिए हमने कुछ एक्शन लिया था। उस एक्शन को लेने के बाद हम दोबारा इंस्पेक्शन करते हैं कि क्या हमने जो एक्शन लिया था वह सही था, क्या उस एक्शन को अप्लाई करने से प्रोडक्ट में जो फॉल्ट था वह ठीक हो गया है, तो इस प्रकार के इंस्पेक्शन को हम Remedial inspection कहते हैं।
First off Inspection – इस प्रकार के इंस्पेक्शन में हम जब भी कोई नई प्रोसेस को स्टार्ट करते हैं तब उसके पहले पीस को चेक करते हैं कि वह जो स्टैंडर्ड दिए गए हैं उनके हिसाब से बना है या नहीं।
In Process Inspection :- इस प्रकार के इंस्पेक्शन में Manufacturing Process चल रही होती है तब हम बीच में लगातार थोड़े- थोड़े समय के बाद प्रोडक्ट को चेक करते रहते हैं, कि वह स्टैंडर्ड के हिसाब से बन रहा है या नहीं उसमें कोई डिफेक्ट तो नहीं है आया है।
Layout Inspection :- इस प्रकार इंस्पेक्शन में हम प्रोडक्ट के ड्राइंग को अच्छी तरह से देखते हैं उसके सारे डायमेंशन को नंबरिंग करते हैं
Sampling Inspection :- प्रोडक्ट की सैंपलिंग के टाइम इंस्पेक्शन किया जाता है।
Final Inspection :- जब हमारा पूरा प्रोडक्ट बनकर तैयार हो जाता है तब final inspection किया जाता है यह प्रोडक्ट को डिस्पैच करने से तुरंत पहले किया जाता है इसलिए इसे pre dispatch inspection भी कहा जाता है।
Final Assembly Inspection :- यह इंस्पेक्शन तब किया जाता है, जब हमारा कोई प्रोडक्ट अलग-अलग पार्ट से मिलकर बन रहा हो या Assemble किया जा रहा हो। इसमें हम इस बात का ध्यान रखते हैं, कि प्रोडक्ट में लगने वाले सभी पार्ट को जिस प्रकार से फिट किया जाना था वे उसी प्रकार से लगाए गए है या नहीं कोई पार्ट छूटा तो नहीं है।
Pilot Piece Inspection :- जब हम किसी प्रोडक्ट का ट्रायल ले रहे होते हैं, उस स्थिति में उसे चेक करने के लिए जो इंस्पेक्शन किया जाता है उसे pilot piece inspection कहते हैं।
Inspection के कुछ प्रकार (Type of Inspection) के बारे मे ऊपर बताया गाय है सिर्फ परंतु इसके अलावा भी ओर कई प्रकार से Inspection किया जाता है।
Decision About Inspection
अभी हमने Type of Inspection बारे मे तो जान लिया है परंतु Inspection करने से स्टार्ट करने से पहले हमें कुछ चीजें क्लियर कर लेनी चाहिए जैसे कि –
- why to inspect (what is the need of inspection) :- हमे इंस्पेक्शन करने का Purpose पाता होना चाहिए कि हम इंस्पेक्शन क्यों कर रहे हैं। क्या हमें किसी सप्लायर ने कोई मैटेरियल सप्लाई किया है और हम देख रहे हैं कि वह ठीक है या नहीं या फिर हमारा मटेरियल डिस्पैच होने वाला है, और हम उस उद्देश्य से इंस्पेक्शन कर रहे हैं।
- what to inspect (selection of product) :- हमें ठीक तरह से यह पता होना चाहिए कि हमें किस Product का का इंस्पेक्शन करना है।
- when to inspect ( date and time ) :- इंस्पेक्शन करने से पहले हमें इस बात को जान लेना चाहिए कि हमें किस समय या डेट पर इंस्पेक्शन करना है क्या हमे इंस्पेक्शन सुबह करना है, या फिर शाम को करना है, हमें इंस्पेक्शन एक हफ्ते में करना है, या रोज करना है।
- where to inspect (place for inspection decided) :- हमें यह पता होना चाहिए कि हमें इंस्पेक्शन कहां पर करना है क्या हमें प्रोसेस के शुरुआत में करना है या प्रोसेस के अंत में करना है या फिर प्रोसेस जब चल रही हो तब कर रहा है।
- what method of inspection : जब हम इंस्पेक्शन करेंगे तो हम किस Method से इंस्पेक्शन करेंगे :- क्या हम किसी मशीन के द्वारा इंस्पेक्शन को पूरा करेंगे या फिर मैनुअली देखकर इंस्पेक्शन करेंगे।
- who will inspect :- सबसे जरूरी यह होता है कि इंस्पेक्शन कौन करेगा क्या वह व्यक्ति इंस्पेक्शन करने के लिए उपयुक्त है इंस्पेक्शन करने के लिए जो skills होनी चाहिए क्या वह skills उस व्यक्ति के पास है। इसे लिए Skill matrix का निर्धारण किया जाता है, जिसमें Process के अलग अलग Level पर qualification और skills के आधार पर व्यक्ति का चुनाव इंस्पेक्शन के लिए किया जाता है।
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