Type Of Gear in hindi| गियर क्या है हिंदी में?

Gear & Type Of Gear in hindi | गियर क्या है हिंदी में ?

Gear एक Circular Disc होते है, जिनकी ऊपरी सतह पर दाते (Teeth) कटे हुए होते है, यह एक मैकेनिकल डिवाइस है, इसको लगभग हर मशीन और Industries में उपयोग में लाया जाता है। आइए जानते है Type Of Gear in hindi के बारे मे –

गियर एक Power Transmission Component है, जो कि दो Shaft के बीच Power Transmission के लिए उपयोग किया जाता है। यह Power Transmission के लिए सबसे अच्छा माध्यम हैं, क्योंकि इसमें Power Transmission के दौरान स्लीपिंग नहीं होती है, ओर ना ही Energy का Loss होता है।

Gear में Circuler Disc पर Teeth एक समान दूरी पर कटे हुए होते है, Driving Shaft पर लगे हुए Gear की सहायता से दूसरी Driven Shaft पर लगे Gear को घुमाया जाता है, ओर Power Transmission किया जाता है।

एक Gear से जब दूसरे Gear के दाते मिलते है, तो साथ में वह दूसरे Gear को भी घुमा देता है। इसके लिए हम अलग से कोई भी Equipment या Connector का उपयोग नहीं करते है।

Power Transmission के लिए ओर बहुत सारे ऑप्शन है, परन्तु Gear के अपने फायदे है, यह बहुत तेज गति पर भी बिना Slip हुए Power Or Torque का Transmission कर सकता है।

Gear के अलग अलग बहुत प्रकार होते है, जो कि अलग अलग जगह पर अपने उपयोग के अनुसार प्रयोग में लाए जाते है। आगे हम Type Of Gear के बारे में पड़ेंगे।


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Type Of Gear in hindi – गियर के प्रकार

  1. Gear for Parallel Shaft
    • Spur Gear
    • Helical Gear
    • Herringbone Gears
    • Rack & Pinion
  2. Gears for Intersecting Shaft
    • Straight Bevel Gears
    • Spiral Bevel Gars
  3. Non Intersecting & Non Parallel Shaft
    • Hypoid Gear
    • Worm Gears

1) Gear for Parallel Shaft

Gear को बांटा गया है, उनके Shaft की स्थिति के अनुसार इसमें जिन दो शाफ़्ट पर Gear लगे हुए होते है, वह एक दूसरे के सामने Parallel होती है। इस टाइप के Arrangement में निम्नलिखित प्रकार के Gear शामिल है।

Spur Gear in hindi

यह Gears में सबसे साधारण प्रकार का Gear होता है। इसके Teeth (दाते) Gear Axis के Parallel (समांतर) होते है। यह सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला Gear है, परन्तु Power Transmission में इसका ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि यह ज्यादा Speed में Power को Transmit नहीं कर सकता। इसकी मैन्युफैक्चरिंग करना आसान होता है और यह सस्ता भी होता है। इसका उपयोग बहुत सारे Device or Machine में किया जाता है जैसे कि – घड़ी, वाशिंग मशीन, स्क्रुड्राइवर आदि।

Helical Gear in hindi

Healical Gear में Teeth सीधे ना होकर किसी विशेष Angle पर झुके हुए होते है, यह Shaft के Parallel नहीं होते है। इनका उपयोग Power Transmission के लिए किया जाता है, क्योंकि यह Teeth के झुके होने के कारण ज्यादा Stable रहते है, और Slip होने का खतरा नहीं रहता है।

Helical Gear की Teeth Mashing काफी Smooth होती है। यह ज्यादा शोर नहीं करते, इनकी Efficiency अच्छी होती है, पर इनकी Manufacturing Cost ज्यादा होती है।

Herringbone Gears in hindi

इन्हे Double Helical Gear भी कहते है, यह Helical Gear के समान ही होते है, बस इनमें एक थोड़ा सा अंतर यह होता है कि इसमें Circular Disc पर दोनों साइड Teeth कटे हुए होते है, जिनका Angle लगभग 45° होता है। यह Axial Thrust को कम करता है, यह ओर ज्यादा stability देते है। इनका उपयोग Heavy Machinery में किया जाता है, जहां पर Heavy Transmission की आवश्यकता होती है।

Reck And Pinion

इसमें दो अलग अलग टाइप के Gear होते है, Rack ओर Pinion जो कि एक दूसरे के उपर चलते है। गोल Circular Gear को Pinion कहते है, जिस पर Spur Gear के जैसे सीधे Teeth होते है, ओर दूसरा जिस पर यह चलता है वह गोल ना होकर एक लम्बी सी Flat Bar होती है, जिस पर सीधे Teeth (दाते) कटे हुए होते है, उसे Rack कहते है, चित्र में देखिए आपको समझ में आएगा।

इसमें हम Rotary Motion को Linear Motion में बदलते है, इसका उपयोग गाड़ियों के स्टेरिंग और लेथ मशीन में भी किया जाता है।


2) Gears for Intersecting Shaft

इसमें Gear Shaft एक दूसरे के Parallel नहीं होती वह एक दूसरे से किसी Angle पर होती है, ओर Intersect करती है, इससे Shaft के द्वारा घूमने कि दिशा को बदला जाता है।

Beval Gear in hindi

Beval Gear Cone Shape के आकार में होते है। जब हमें शाफ़्ट के घूमने की दिशा को बदलना होता है तब इसका उपयोग किया जाता है, इसमें दोनों शाफ़्ट एक दूसरे से 90° पर होती है। इनका उपयोग दो शाफ़्ट के बीच Force Transmit करने के लिए होता है, जो कि एक ही प्वाइंट पर Intersect करती है।

इसकी Pich एक Cone के आकार में होती है, ओर उसी पर Teeth कटे हुए होते है। इनकी Manufacturing काफी महंगी होती है, इनका उपयोग प्रिंटिंग प्रेस, कूलिंग टॉवर्स, स्टील प्लांट, पावर प्लांट आदि में किया जाता है।

Bevel Gear के कई प्रकार होते है :- Straight Bevel Gear, Helical Bevel Gear, Spiral Bevel Gear, Milta Gear, Angular Bevel Gear, Crown Gears Zero Level Gears and Hypoid Gears.

Straight Bevel Gear in hindi

इसमें Gear Teeth सीधे Straight होते है इसलिए इसे Straight Bevel Gear कहते है।

Spiral Gears in hindi

इसमें Gear Theeth सीधे ना होकर Spiral होते है। इनका Tooth Contact Ratio बहुत अधिक होता है, इसी कारण से इनकी Eficiency और Strength अधिक तथा vibration ओर शोर कम होता है।


3) Non Intersecting & Non Parallel Shaft

इसने जिन शाफ़्ट पर गियर लगा होता है, वे ना तो एक दुसरे के Parallel होती है, और न ही Intersect करती है।

Worm And Worm Wheel in hindi

Worm एक प्रकार का Screw Shape Cylindrical Part होता है, जिसके ऊपर teeth (दाते) कटे हुए होते है। इसका जो Mating Gear होता है वह Worm Wheel होता है, Worm Wheel एक Circular Disc होता है जिसमें theet कटे हुए होते है।

जहां पर Speed को कम करने की जरूरत होती है वहां उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसमें छोटे Worm द्वारा एक बड़े Wheel को घुमाया जाता है, भार उठाने वाली मशीनों में इसका ही उपयोग किया जाता है।

Hypoid Gear in hindi

यह भी बेवल गियर का एक टाइप है, इसके Teeth तिरछे ओर घुमावदार होते है, इसके साथ केवल Hypoid Pinion का ही उपयोग कर सकते है। इसका उपयोग भी Speed को Horizontal शाफ़्ट से vertical शाफ़्ट में Transmit करने के लिए किया जाता है।


Type Of Gearing in hindi

External Gearing

External Gearing में Gear बाहरी साइड से एक दूसरे से Contact करते है, ओर Power Transmission करते है। इसमें दोनों Gear की घूमने कि दिशा अलग अलग होती है, एक Clockwise घूमता है तो दूसरा Anticlockwise.

Internal Gearing

Internal Gearing में एक बड़े गियर के अन्दर एक छोटा गियर होता है बड़े गियर को Annuler और छोटे गियर को Pinion कहते है। गियर के Teeth अन्दर की तरफ होते है, इन दोनों गियर के घुमने की दिशा एक ही होती है।


Velocity Of Gears

  1. Low Velocity Gear :- वह Gear जिनकी Velocity 3 m/s से कम होती है, उन्हें Low Velocity Gear कहते है।
  2. Medium Velocity Gear :- वह Gear जिनकी Velocity 3 m/s से 15 m/s तक होती है, उन्हें Medium Velocity Gear कहते है।
  3. Higher Velocity Gear :- वह Gear जिनकी Velocity 15 m/s ज्यादा Velocity पर Rotate होने वाले Gear को Higher Velocity Gear कहते है।

Gear Metalगियर किन मेटल से बनते है ?

  1. कास्ट आयरन (Cast Iron)
  2. कास्ट स्टील  (Cast Steel)
  3. कॉपर (Copper)
  4. पीतल (Brass)
  5. कांसा (Bronze)
  6. एलुमिनियम (Aluminum)
  7. प्लास्टिक (Plastic)
  8. नायलॉन (Nylon)
  9. एलॉय स्टील (Alloy Steel)
  10. माइल्ड स्टील (Mild Steel)

Manufacturing Process of Gear – गियर बनाने की प्रक्रिया

  • गियर बनाने के लिए कास्टिंग (Casting),
  • फोर्जिंग  (Forging),
  • एक्सट्रूजन (Extrusion),
  • मिलिंग (Milling),
  • शेपिंग (Shaping),
  • हॉबिंग (Hobbing), आदि प्रक्रियाओं प्रयोग में लाई जाती हैं।

ज्यादा ताकत लगने वाले गियर को हार्ड व टेंपर Hard and Tempered किया जाता है।


Use of Gearगियर का प्रयोग

Gear का प्रयोग मशीन की Speed बढ़ाने के लिए किया जाता है। मशीन की स्पीड कम करने के लिए किया जाता है। मशीन की Power बढ़ाने के लिए किया जाता है।

Gear के द्वारा Shaft के समांतर शाफ्ट (Parallel Shaft) में पावर ट्रांसफर किया जाता है। गियर के द्वारा Vertical Shaft से Horizontal Shaft में पावर ट्रांसफर किया जा सकता है।

Horizontal Shaft से Vertical Shaft में पावर को ट्रांसफर किया जा सकता है।


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