What Is Pareto chart | परेटो चार्ट क्या है
“Pareto Chart एक सिंपल डायग्राम होता है, जिसमें कि एक X – Axis ओर दो Y- xis होते है (चार्ट के दोनों तरफ) जिसमें हम प्रॉब्लम, डिफेक्ट्स, या अन्य पैरामीटर को घटते हुए क्रम में लिखते हैं“
हम सारी समस्याओं को एक साथ सॉल्व नहीं कर सकते हैं, हमें उन्हें जरूरत के हिसाब से बांटना पड़ता है, जो ज्यादा जरूरी है उसे पहले बाकी बाद में।
Pereto Chart को “Bar” ग्राफ और “Line” ग्राफ की मदद से बनाया जाता है, जिसमें Bar का उपयोग वैल्यू को दर्शाने के लिए किया जाता है, जिससे कि हम घटते हुए क्रम में लिखते हैं, इसे Vilfredo Pareto ने खोजा था। इसलिए उन्हीं के नाम पर Pareto चार्ट कहा जाता है।
80-20 Ruel क्या है?
Pareto chart को समझने के लिए हमें सबसे पहले एक 80-20 रूल को समझना जरूरी है, तो आइए जान लेते हैं कि 80- 20 रूल है क्या :-
इस नियम के हिसाब से 80% डिफेक्ट होने की वजह सिर्फ 20 % मुख्य कारण होते हैं, तो हम उन 20 % मुख्य कारण के बारे में पता लगा लें और उन मुख्य कारणों को खत्म कर दे तो 80% जो डिफेक्ट है, वह खत्म हो जाएंगे।
Pareto चार्ट क्यों उपयोगी है
जब कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट का प्रोडक्शन करती है, तो बहुत सी प्रॉब्लम आती है, कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जिन पर कि तुरंत ध्यान देना होता है, और कुछ इस प्रकार की समस्याएं भी होती है जिससे अभी तो काम चल जाएगा लेकिन उन्हें बाद में ठीक करना पड़ेगा।
परेटो चार्ट को बनाने का मुख्य उद्देश्य यही है, कि वह कौन से ज्यादा जरूरी मुख्य कारण हैं, जिन्हें की तुरंत अभी ठीक किया जाना है, और वह कारण ठीक हो जाएंगे तो हमारी आधी से अधिक समस्या खत्म हो जाएगी।
इसके अलावा इस साइड डिफेक्ट के सिम्टम्स को समझने में मदद मिलती है, और जब हम डिफेक्ट को ठीक कर देते है, तो रिजल्ट कितना कारगर रहा यह भी पता चलता है।
Pareto Chart को कैसे बनाएं?
Pareto Chart को बनाने के लिए हमें सबसे पहले चेक शीट के द्वारा डेटा को कलेक्ट करते हैं, और फिर उसे एनालाइज करते हैं। एक कॉलम में प्रॉब्लम को नोट कर लेते हैं, फिर उनमें से सभी कि फ्रीक्वेंसी (डिफेक्ट कितनी बार आया है) को भी उसके सामने लिख लेते है। यहां होगा हमारा Raw डेटा जो कि Chek Sheet से प्राप्त हो जाएगा। अब आगे इस डेटा का क्या करेंगे हम देखते है :-
X- Axis पर हम डिफेक्ट को ले लेंगे और Y- Axis पर इफेक्ट की फ्रीक्वेंसी मतलब कि वह कितने बार आ रहा है।
चेक सीट से हमें डिफेक्ट के नाम ओर उनकी फ्रीक्वेंसी को अलग-अलग कॉलम में लिख लिया है, इसके बाद हम इसका कम्युलेटिव % कैलकुलेट कर लेंगे। Pareto चार्ट बनाने के लिए इन तीनों चीजों का होना बहुत जरूरी है। इनके बिना हम चार्ट नहीं बना सकते। सबसे पहले हमने डेटा फ्रीक्वेंसी का सब टोटल कर लिया है, जो कि 275 हुआ।
उसके बाद हम डिफेक्ट फ्रीक्वेंसी का कम्युलेटिव तैयार कर लेंगे उसके लिए हम पहली frequency को दूसरी में ऐड कर लेंगे। जैसे 36+32=68 इसी प्रकार सभी डाटा फ्रिकवेंसी का हम कम्युलेटिव कैलकुलेट कर लेंगे।
इसके बाद हमें इनका कम्युलेटिव % निकालना होगा उसके लिए हम 36÷275×100= 13% आएगा इसी प्रकार सभी का कम्युलेटिव % हम कैलकुलेट कर लेंगे। अब नीचे ग्राफ तैयार है :-
Ms Excel पर सबसे पहले आपको Table से Control Press करने के बाद Defect Name, Defect Frequency, or comm. % को सिलेक्ट कर लेना है, फिर उपर Insert Tab से Bar चार्ट को सेलेक्ट करना है, और उसके बाद ऐड डेटा सेल्ट करके सारा डेटा ill कर देना है डेटा फ्रीक्वेंसी के लिए आपको Y-Axis सेलेक्ट कर लेना है, आपका चार्ट बन जाएगा ।
Bar चार्ट और Pareto चार्ट में अंतर
- बार चार्ट में केवल एक X-axis और एक Y-axis होती है “परंतु” Pareto चार्ट में एक X-axis ओर दो Y-axis होते है।
- बार चार्ट में Comulative line graph नहीं होता है “और” Pareto चार्ट में यह होता है।
- इसमें जरूरी नहीं होता कि Bar Decreasing Order में हो। परंतु Pareto चार्ट में Bar’s का Decreasing order में होना जरूरी है।
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