What is Supply Chain Management | सप्लाई चैन मैनेजमेंट क्या है
“Supply Chain Management (SCM) में Correct प्रोडक्ट को करेक्ट कस्टमर के पास करेक्ट Quantity में डिलीवर करना होता है, यह प्रोडक्ट डिलीवरी के लिए एक मैनेजमेंट सिस्टम है”
Supply Chain Management एक प्रक्रिया है, जिसमें की प्रोडक्ट के कंपनी में बनने से कस्टमर तक पहुंचने तक की प्रोसेस होती है, और यह प्रोसेस किन-किन स्टेप्स में होती है। प्रोडक्ट पहले मैन्युफैक्चरर (प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनी) से थोक विक्रेता (Wholesaler) फिर, थोक विक्रेता से फुटकर विक्रेता (Retailer) और, उसके बाद फुटकर विक्रेता से ग्राहक (customer) तक पहुंचता है।
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Supply Chain Management में प्रोडक्ट को ही चैन सिस्टम द्वारा सप्लाई नहीं किया जाता है, बल्कि प्रोडक्ट के साथ और भी बहुत सारी चीजें सप्लाई होती हैं, जैसे कि पेमेंट की जानकारी, प्रोडक्ट के बारे में जानकारी इसका भी सप्लाई होता है।
Members of Supply chain
- Manufacturer उत्पादक :- मैन्युफैक्चर या तो कोई कंपनी होती है, या फिर वह लोग होते हैं जो कि एक Raw मटेरियल से एक नए प्रोडक्ट को बनाते हैं।
- Supplier सप्लायर :- सप्लायर वह होता है, जो कि प्रोडक्ट को बनाने के लिए रो मटेरियल कच्चा माल उपलब्ध करवाता है।
- Wholesaler थोक विक्रेता :- यह वे लोग होते हैं, जो कि कंपनी को बल्क में प्रोडक्ट के लिए आर्डर देते हैं, कंपनी से प्रोडक्ट कुछ कम दामों में प्राप्त हो जाता है, यही लोग रिटेलर को प्रोडक्ट सप्लाई करते हैं।
- Retailer फुटकर विक्रेता :- यह वे लोग होते हैं, जो कि होलसेलर से मटेरियल को खरीदते हैं, और फिर अपना मुनाफा जोड़कर कस्टमर को प्रोडक्ट बेच देते हैं।
- Customer ग्राहक :- ग्राहक को ही प्रोडक्ट की जरूरत होती है, फिर यह रिटेलर से प्रोडक्ट को खरीद लेता है, सप्लाई चैन मैनेजमेंट का सबसे लास्ट मेंबर होता है, यहां पर Supply-Chain पूरी हो जाती है।
सप्लाई चैन के Steps
- Plan (प्लानिंग करना) :– इसमें उन सारी चीजों को प्लान किया जाता है, जो कि ग्राहक की आवश्यकता होती है।
- Source Development (चेन का निर्माण) :- इसमें हम उन सारी चीजों को डिवेलप करते हैं, जो कि हमारे प्रोडक्ट को कंपनी से कस्टमर के हाथों तक कैसे पहुंचाएं मतलब की एक चेन का निर्माण करना।
- Make (प्रोडक्ट को बनाना) :- प्रोडक्ट को बनाया जाए उसकी टेस्टिंग की जाए, फिर उसकी पैकिंग की जाए, और उसे बाजार में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार किया जाए।
- Deliver (प्रोडक्ट पहुंचाने का तरीका) :- यह एक माध्यम होता है, की प्रोडक्ट को एक जगह से दूसरी जगह तक किस प्रकार से ले जाएं।
- Return (प्रोडक्ट वापसी) :– जब प्रोडक्ट कस्टमर तक पहुंच जाता है, उसमें कोई Defect होता है, तब मैन्युफैक्चर तक वापस उस प्रोडक्ट को कैसे पहुंचाया जाए रिफंड पॉलिसी किस प्रकार की होगी।
Benefits of Supply Chain
- प्रोडक्ट प्रोडक्ट सही समय में सही व्यक्ति तक पहुंच जाता है।
- गलतियों की संभावना कम होती है।
- प्रोडक्ट तेज गति से डिलीवर होता है।
- इसमें किसी भी एक व्यक्ति पर पूरी जिम्मेदारी नहीं होती है, स्टेप स्टेप में प्रक्रिया पूरी होती है।
- ऑनलाइन चैन सप्लाई सिस्टम में सारा काम ऑनलाइन होता है तो कागजी कार्यवाही की जरूरत नहीं होती है।
- यह यह सस्ता और सरल होता है।
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